top of page
Rudrabhishek_Puja.webp

रुद्राभिषेक पूजन 

रुद्राभिषेक पूजन एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र वैदिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव की उपासना हेतु किया जाता है। यह पूजन विशेष रूप से रुद्रसूक्त और अन्य वैदिक मंत्रों द्वारा भगवान शिव (रुद्र रूप) का जल, दूध, घृत, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक करने की प्रक्रिया है। यह पूजा अत्यंत फलदायक मानी जाती है, विशेषकर श्रावण मास, महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत, सोमवार आदि के दिन।

रुद्राभिषेक पूजन का महत्व

  1. सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है।

  2. मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

  3. स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति में वृद्धि करता है।

  4. पितृ दोष, ग्रह दोष एवं कष्टों से मुक्ति मिलती है।

  5. मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

satyanarayanji.jpg

सत्यनारायण कथा पूजन

सत्यनारायण भगवान की कथा एवं पूजन एक अत्यंत लोकप्रिय, सरल और फलदायक धार्मिक अनुष्ठान है जो भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से पूर्णिमा, एकादशी, गृह प्रवेश, विवाह, संतान प्राप्ति, नई शुरुआत, या किसी भी शुभ अवसर पर किया जाता है।

🪔 सत्यनारायण पूजन का महत्व:

  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

  • सभी कष्टों, संकटों और विघ्नों से रक्षा करता है।

  • व्रत करने से सत्य बोलने, धर्म पर चलने और भगवान के प्रति श्रद्धा बढ़ती है।

  • मनोकामना पूर्ति और संतान, धन, स्वास्थ्य आदि की प्राप्ति होती है।

images.jpeg

गृह प्रवेश एवं नींव पूजन

गृह प्रवेश एवं नींव पूजन दो अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण वैदिक संस्कार हैं, जो किसी नए मकान के निर्माण की शुरुआत और निवास की शुभ शुरुआत को चिह्नित करते हैं। ये दोनों संस्कार न केवल भवन की भौतिक स्थिरता व समृद्धि के लिए, बल्कि उसमें निवास करने वाले सभी लोगों के कल्याण, सुख और शांति के लिए भी अत्यंत फलदायक माने जाते हैं।

 नींव पूजन/भूमि पूजन 

  • किसी नए भवन, मंदिर, स्कूल, दुकान या गुरुकुल आदि की नींव डालने से पहले यह पूजन किया जाता है।

  • भूमि को देवी रूप मानकर उससे क्षमा मांगना और भवन निर्माण के लिए अनुमति लेना इसका मूल उद्देश्य होता है।

गृह प्रवेश पूजन

(गृहप्रवेश / वास्तु शांति पूजन):

  • जब कोई नया मकान तैयार हो जाता है और उसमें पहली बार प्रवेश करने की तिथि आती है, तब यह पूजन किया जाता है।

  • यह पूजन भगवान गणेश, गृह देवता, वास्तु देवता और पंचतत्वों को समर्पित होता है।

  • इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।

thumb_edited.jpg

गणेश पूजन

गणेश पूजन हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और अनिवार्य धार्मिक कृत्य है। किसी भी शुभ कार्य, व्रत, पूजन, हवन, यात्रा या नये आरंभ से पहले भगवान गणेश की पूजा करना आवश्यक माना गया है, क्योंकि वे "विघ्नहर्ता", "सिद्धिदाता" और "मंगलकर्ता" हैं। गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना गया है।

गणेश पूजन का महत्व

  1. किसी भी कार्य को निर्विघ्न रूप से संपन्न करने हेतु।

  2. बुद्धि, विवेक, स्मरणशक्ति और आत्मबल की वृद्धि हेतु।

  3. जीवन के कष्टों, विघ्नों, बाधाओं और दुर्भाग्य को दूर करने हेतु।

  4. आध्यात्मिक उन्नति और सांसारिक सफलता दोनों में सहायक।

images.jpeg

विभिन्न पूजन

समस्त वैदिक अनुष्ठान

अन्य किसी भी प्रकार के पूजन को कराने हेतु आप 7007942948 पर संपर्क कर सकते हैं | 

​​

  • लक्ष्मी पूजन

  • सरस्वती पूजन

  • दुर्गा / नवदुर्गा पूजन

  • हनुमान पूजन

  • राम पूजन / राम नवमी पूजन

  • कृष्ण पूजन / जन्माष्टमी पूजन

  • नवग्रह पूजन

  • शनि देव पूजन

  • सूर्य देव पूजन / अर्घ्यदान

  • चंद्र पूजन

  • मंगल दोष निवारण पूजन

  • कालसर्प दोष निवारण पूजन

  • गौरी पूजन (विवाह व्रत हेतु)

  • राधा-कृष्ण पूजन (प्रेम और भक्ति हेतु)

  • तुलसी विवाह पूजन

  • एकादशी पूजन

  • महामृत्युंजय जाप व पूजन

  • श्री यंत्र पूजन (धन प्राप्ति हेतु)

  • नवदुर्गा पूजन (नवरात्रि में)

  • अन्नप्राशन / नामकरण पूजन

  • उपनयन / यज्ञोपवीत संस्कार पूजन

  • संतान गोपाल पूजन (संतान प्राप्ति हेतु)

  • कुबेर पूजन (धन प्राप्ति हेतु)

  • भैरव पूजन (भय एवं रोग नाशक)

  • राखी / रक्षा बंधन पूजन (भाई की रक्षा हेतु)

vaidic-yagya-anusthan-kendra-idpl-colony-rishikesh-pandits-23ihm01du2.webp

हमारे योग्य एवं अनुभवी वैदिक आचार्यों द्वारा निम्नलिखित समस्त वैदिक अनुष्ठान—गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार, अन्नप्राशन, मुण्डन संस्कार, उपनयन (यज्ञोपवीत), विवाह संस्कार, वास्तु शांति, नवग्रह शांति, जन्मदिन विशेष पूजन, सत्यनारायण कथा, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जप, दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन, श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि—पूर्ण विधि-विधान, श्रद्धा एवं वैदिक परंपराओं के अनुरूप सम्पन्न किए जाते हैं।

आप किसी भी प्रकार के वैदिक अनुष्ठान, पूजन, जप अथवा कर्मकांड हेतु हमसे 7007942948 पर संपर्क कर सकते हैं | 

​​​

किसी भी प्रकार की पूजन हेतु आप 700 79 42 948 पर संपर्क कर सकते हैं | हमारा उद्देश्य स्वस्थ एवं सही विधि द्वारा वैदिक पूजन के प्रचार प्रसार का है ताकि यजमान को इसका सम्पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके |
सनातन के संवर्धन हेतु ये कपीश्वर वैदिक गुरुकुल का प्रयास है |

  • Whatsapp
कपीश्वर वैदिक गुरुकुल

हनुमंत आश्रय धार्मिक एवं शैक्षिक ट्रस्ट (हरे ट्रस्ट) के तत्वावधान में स्थापित कपीश्वर वैदिक गुरुकुल वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देने और सनातन संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए समर्पित है। लखनऊ के मध्य में, गोमती नदी के शांत तट के पास स्थित, गुरुकुल एक शांत, हरा-भरा वातावरण प्रदान करता है जो सीखने और आध्यात्मिक विकास के लिए आदर्श है।

उपयोगी कड़ियां

घर
हमारे बारे में
पाठ्यक्रम
हमसे संपर्क करें
गोपनीयता, धनवापसी और नियम एवं शर्तें

संपर्क जानकारी

पूछताछ और जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबरों और ईमेल पर संपर्क करें
श्री मनीष शर्मा - 9936045759
हमें ईमेल करें - hanumantashraya@gmail.com
प्रधान कार्यालय - हनुमंत आश्रय आश्रम गुल्लाला घाट के पास, ग्रीन कॉरिडोर, चौक, लखनऊ - 226003

लोगो-पारदर्शी-png.png

© 2025 कपीश्वर वैदिक गुरुकुल द्वारा। एरेन्ज़ो इन्फोटेक द्वारा संचालित और डिज़ाइन किया गया

bottom of page